धातुगण

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            *धातुगण*
_अनेक धातुओं के समूह को गण कहते हैं ।संस्कृत में विकरण प्रत्यय के आधार पर समस्त धातुओं को दस गणों में विभक्त किया गया है।प्रत्येक गण का नाम उसकी प्रथम धातु के आधार पर रखा गया है,जैसे भ्वादी गण का नाम उसकी प्रथम धातु भू(भू+आदि गण)।दस गणों में कुल धातुओं की संख्या 1970 है।गणों के नाम धातु संख्या एवं विकरण क्रमानुसार  इस प्रकार है_👇🏻

*1)भ्वादी गण👉🏻1035 शप (सबसे विशाल गण)*

*2)अदादिगण 👉🏻72( कोई विकरण नही)*

*3)जुहोत्यादि गण👉🏻24(कोई विकरण नही )*

*4)दिवादि गण👉🏻140 श्यन*

*5)स्वादि गण👉🏻35 श्नु*

*6)तुदादि गण👉🏻157 श*

*7)रुधादि गण👉🏻25 श्नम*

*8)तनादि गण 👉🏻10 उ(सबसे लघु गण)*

*9)क्र्यादि गण👉🏻61 श्ना*

*10)चुरादि गण👉🏻411 अय*

🙇🏻‍♀ _स्मरण योग्य👇🏻_🙇🏻

☝🏻 *सबसे बड़ा गण भ्वादी है जिसमे 1035 धातुएं हैं।*

☝🏻 *सबसे छोटा गण तनादि है जिसमें मात्र 10 धातुएं हैं।*

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Comments

  1. http://Shahnazqureashi.blogspot.in

    इस ब्लॉग के द्वारा इंटरनेट पर संस्कृत परीक्षार्थियों के लिए संस्कृत नोट्स उपलब्ध कराने का एक प्रयास किया गया है...अतः पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि सभी संस्कृत परीक्षार्थी इसका लाभ ले सकें।
    धन्यवाद😊💐

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    Replies
    1. लेकिन उस घमंड का क्या जो आपके अंदर कूट कूट कर भरा हुआ है । और उस नफरत क्या क्या जो आपके अंदर विष की तरफ पुरे आत्मा में बिखरा पड़ा है संस्कृत के लिए.........

      Delete
  2. इन धातुओ की पूरी सूची उपलब्ध है ? आगर है तो कृपया लिंक दीजिये l

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